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11 April, 2012

तलाश है ..

तन्हा हूँ राहो पर  एक काफिले की तलाश है 

गैर भी मिले अपने बनकर,
मिले कोई अपना भी इस तरह,, ऐसे किसी अपने की तलाश है 

गमो ने दी काफी मुस्कुराहटें,
ला दे जो अश्क ,ऐसी एक ख़ुशी की तलाश है 

हर टूटे ख्वाब ने राहों पर लड़खड़ाने मजबूर किया,
पूरा होकर संभाले ऐसे किसी ख्वाब की तलाश है 

जीते जी तो कई ने मार डाला,
मरते वक़्त पर सांस दे, ऐसे किसी दमसाज़ (दोस्त)  की तलाश है ,

ज़माने को तो पहचाना खूब,
खुद को पहचान सकू  जिस वक़्त,
उस लम्हे की तलाश है .. 
A.R.Nema12/06/2011


ज़िन्दगी ने दिए है...

की थी ढेरों उमीदे मैंने,
और किये थे अपनों ने वादे कई सारे ,

पर उठे जो तूफां मेरी हयात में,
ज़माने ने दिखाए रंग अपने, कई सारे,

वादे तोड़े, उम्मीदे तोड़ी,
और अहवाब(दोस्त) हुए दूर,
एक-एक करके सारे ,

खुश हूँ मगर फिर भी,
क्यों की बेरंग ही सही पर इस ज़िन्दगी ने दिए है 
सबक और जीने के हुनर कई सारे. ! !
A .R .Nema  08/04/2011

यूँ ही किसी लम्हे....

ज़िन्दगी के किसी लम्हे में यूँ कारनामा हो जाता है 
राह पे भटकते मुसाफिर को, 
यूँ ही किसी लम्हे आशियाना मिल जाता है 

गर्दिश का दौर करता है 
झुककर सजदा, 
दुशवरिया खुद पर रोती है,

झूमकर आँखों में 
ख़ुशी के पैमाने छलकते है ,
ओंठो पर मुस्कराहट अटखेलिया करती है 

झूमता है दिल यारो!
जब हर जर्रे पर 
खुदा की रहमत बरसती है,,
A.R.Nema 15/02/2011

दर्द का शिकवा. .

मै अपने  दर्द  का शिकवा करू भी तो, 
किस से ?

ऐ मौला ....

हर कोई बढ़ जाता है आगे, करके तारीफ !!
मेरे नुमाइश ऐ गम की .! ! !
A.R.Nema 31/11/2011

एहतियाज ऐ फुरक़त की तरह ..

मालिक तूने शक्ल ऐ यार
मुझे लिखा तो कई के मुक़द्दर में 


मगर मलाल के !!

सिर्फ  एहतियाज  ऐ फुरक़त की तरह ( अकेलेपन की जरुरत )!!
A.R.Nema  30/11/2011