कभी टूटे खवाबो की यादे नींद उड़ा देती है ,
तो कभी अधूरे खवाबो को पूरा करने की हसरत,
नींद से जगा देती है
कभी हौसलों की चमक इतनी,
कि शब् को सहर बना देती है,
कभी हो जाये इतनी कम के,
हीरे को कोयला बना देती है,
हर काम में हो मोहब्बत की खुशबू तो ,
बेकार गुल को गुलाब बना देती है,
और, आ जाये बू ऐ अदावतें तो,
चमन को वीरान बना देती है,
ईमान ओ करम से जियो तो,
हयात जन्नत हो जाती है,
जो पड़ी कुफ्र की परछाई तो ,
हयात दोजक हो जाती है,
तो कभी अधूरे खवाबो को पूरा करने की हसरत,
नींद से जगा देती है
कभी हौसलों की चमक इतनी,
कि शब् को सहर बना देती है,
कभी हो जाये इतनी कम के,
हीरे को कोयला बना देती है,
हर काम में हो मोहब्बत की खुशबू तो ,
बेकार गुल को गुलाब बना देती है,
और, आ जाये बू ऐ अदावतें तो,
चमन को वीरान बना देती है,
ईमान ओ करम से जियो तो,
हयात जन्नत हो जाती है,
जो पड़ी कुफ्र की परछाई तो ,
हयात दोजक हो जाती है,