संग अपने अँधेरी रात है ,
ये आलम भी तनहा ओ चुपचाप है,
के आज ये मेरा दिल उदास है,,
यारो की बारिश ऐ कहर में मिले जो जख्म,
वो तो भर गए कल ही ,
पर फिर दाग देखकर आज ये मेरा दिल उदास है,,
मुझे रही बेवफाई से अदावतें हरदम ,
गम ने तो निभाई वफ़ा,
पर वक़्त ऐ फरहत की जफाये,
देखकर आज ये मेरादिल उदास है ,
हर ख्वाब टूट गया,
हुया मेरी खुआविशों का क़त्ल,
और बीते लम्हो की याद में,
फिर आज ये मेरा दिल उदास है
ये आलम भी तनहा ओ चुपचाप है,
के आज ये मेरा दिल उदास है,,
यारो की बारिश ऐ कहर में मिले जो जख्म,
वो तो भर गए कल ही ,
पर फिर दाग देखकर आज ये मेरा दिल उदास है,,
मुझे रही बेवफाई से अदावतें हरदम ,
गम ने तो निभाई वफ़ा,
पर वक़्त ऐ फरहत की जफाये,
देखकर आज ये मेरादिल उदास है ,
हर ख्वाब टूट गया,
हुया मेरी खुआविशों का क़त्ल,
और बीते लम्हो की याद में,
फिर आज ये मेरा दिल उदास है
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