वो क्या जाने वादों की अहमियत,
जिन्हे वादे तोड़ देने का, अहसास भी नहीं होता..
क्या समझेंगे, मेरे अश्को की कीमत वो,
जिन्हें मेरी तड़पती आँखों का, अहसास ही नहीं होता..
जख्म दिल के दिखाए भी मैंने, तो किसे,
जिन्हें मेरे दर्द ऐ दिल का, अहसास ही नहीं होता..
तन्हाई में जले भी तो, उनकी ही यादों के चिराग,
जिन्हें मेरी वीरानियो का, अहसास नहीं होता.....
जिन्हे वादे तोड़ देने का, अहसास भी नहीं होता..
क्या समझेंगे, मेरे अश्को की कीमत वो,
जिन्हें मेरी तड़पती आँखों का, अहसास ही नहीं होता..
जख्म दिल के दिखाए भी मैंने, तो किसे,
जिन्हें मेरे दर्द ऐ दिल का, अहसास ही नहीं होता..
तन्हाई में जले भी तो, उनकी ही यादों के चिराग,
जिन्हें मेरी वीरानियो का, अहसास नहीं होता.....
1 comment:
Bahut hi dil ko chhu lene waali kavitaayein likhte hain aap.
Aap apni inn dil ko chhu lene waali kavitaaon ko http://www.poemocean.com par bhi share kar sakte hain.
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