मेरे रुखसत होते ही,
ज़माने को मेरी कमी महसूस हो जाएगी ,
यादे जब भी करेगी परेशान,
आँखों को दीदा ऐ तार कर जाएगी,
जब चाहोगे के, कोई मनाये,
अपने रूठने की , वो अदा तडपायेगी,
शब् ऐ फुरक़त में जब जलोगे तन्हा,
मेरी बज़्म याद आएगी..
ज़माने को मेरी कमी महसूस हो जाएगी ,
यादे जब भी करेगी परेशान,
आँखों को दीदा ऐ तार कर जाएगी,
जब चाहोगे के, कोई मनाये,
अपने रूठने की , वो अदा तडपायेगी,
शब् ऐ फुरक़त में जब जलोगे तन्हा,
मेरी बज़्म याद आएगी..
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