ये अहबाब भी,
क्या खूब दोस्ती निभाते है,
गुलशन के ख्वाब दिखा,
ज़िन्दगी को वीरान कर जाते है,
ज़ख्म देकर नहीं मिलता सुकून जब,
क्या खूब दोस्ती निभाते है,
गुलशन के ख्वाब दिखा,
ज़िन्दगी को वीरान कर जाते है,
ज़ख्म देकर नहीं मिलता सुकून जब,
तो खारों की नोंक से मलहम लगाते है ..
No comments:
Post a Comment