जहाँ से गुजरे , भले ही गुलाब न खिला सके .
पर कुछ खार जरुर कम करते गये,
लाख नेकियाँ कर अजनबी थे ,
जमाने में,
एक गलती की ...
फिर अपनी बदनामी के चर्चे ,
ज़माने वाले करते गए .......
पर कुछ खार जरुर कम करते गये,
लाख नेकियाँ कर अजनबी थे ,
जमाने में,
एक गलती की ...
फिर अपनी बदनामी के चर्चे ,
ज़माने वाले करते गए .......