मालिक तूने शक्ल ऐ यार
मुझे लिखा तो कई के मुक़द्दर में
मगर मलाल के !!
सिर्फ एहतियाज ऐ फुरक़त की तरह ( अकेलेपन की जरुरत )!!
मुझे लिखा तो कई के मुक़द्दर में
मगर मलाल के !!
सिर्फ एहतियाज ऐ फुरक़त की तरह ( अकेलेपन की जरुरत )!!
A.R.Nema 30/11/2011
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